Month: September 2021

अहिंसा

शरीर को समय पर उचित भोजन देना अहिंसा है, जैसे किसान असाढ़ की बरसात में बुवाई करने से नहीं चूकता है। आचार्य श्री विद्यासागर जी

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दान

4 दानों में से सबसे महत्त्वपूर्ण कौन सा ? 4 संज्ञाओं (आहार, भय, मैथुन, परिग्रह) में से सबसे महत्त्वपूर्ण किसे कहोगे! समय-समय का महत्त्व है।

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आत्म-निरीक्षण

सामान्यत: घर में कचरा दिखायी नहीं देता है पर झाड़ू लगाने पर दिखने लगता है । ऐसे ही, आत्मनिरीक्षण करने पर दोष दिखने लगते हैं

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बदलाव

सिद्धों और निगोदियाओं को झंझावात भी नहीं हिला सकता क्योंकि वे किसी के आधार से नहीं रहते। पूर्ण ज्ञानी और अज्ञानी के भी आधार नहीं

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णमोकार

आदिनाथ भगवान ने णमोकार नहीं बताया जबकि छोटी-छोटी बातें तक बतायीं क्योंकि णमोकार तो अनादि से चला आ रहा था/है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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कर्म-फल

बहुत दिनों से आपके घर पर किसी ने कब्ज़ा कर रखा हो तो घर छोड़ते समय तोड़फोड़ करके जाता है। ऐसे ही कर्म जब आत्मा

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बंध / आबाधा-काल / उदय

कर्म, बंध के समय तथा आबाधा-काल में तो 100% रहता है पर उदय होते-होते 99% उदीरणा/ संक्रमित होकर समाप्त हो जाता है । मुनि श्री

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पाप / बुरी वस्तु

पाप जिसे पापी चाहता हो, बुरी वस्तु जिसे बुरा आदमी चाहता हो । साधु ऐसी वस्तुयें रखते ही नहीं जिस पर असंयमी की नियत बिगड़े

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अरिहंता-णम

1. अरिहंता – अरि (दुश्मन) का हनन करने वाले (श्री षटखंडागम) 2. अरहंता – जिन्होंने अरहंत पद को प्राप्त कर लिया। 3. अरुहंता – अरु

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मंगल आशीष

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September 6, 2021

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