Month: November 2021
आस्रव
सात तत्त्वों में पहले जीव, अजीव तब आस्रव कहा है, यानि आस्रव जीव + अजीव से होता है, न अकेले जीव से, न अकेले अजीव
अग्नि परीक्षा
सीता जी की अग्नि परीक्षा का नतीज़ा तो परीक्षा लेने व देने वाले पहले से ही जानते थे। बस दुनिया को नतीजा पता लगना था
वस्तु / द्रव्य / पर्याय
वस्तु मति/श्रुत ज्ञान का विषय है, द्रव्य को आज्ञानुसार मानते हैं, पर्याय को जानते हैं । मुनि श्री सुधासागर जी
मार्ग
राजमार्ग – राजा के द्वारा बनाया गया मार्ग, सुविधाजनक, बहुतायत उस पर चलते हैं, निष्कंटक, सुंदर क्योंकि उस पर फूल बिछे रहते हैं, बनाने में
नियतवाद
नियतवाद/क्रमबद्ध पर्याय किसी भी पूर्व आचार्यों ने नहीं कही । ये तो अमरबेल है, जिसकी जड़ नहीं पर आधार को ही चूस लेती है /
मोह
चिड़िया भी मनुष्यों की तरह बच्चों का लालन पालन/सुरक्षा देती है पर उन्हें उड़ना सिखाती/उड़ जाने देती है । मनुष्य अपने बच्चों को पकड़े ही
गुरु / भगवान
गुरु जो अधूरा न हो, वरना वह पहले अपनी प्रगति पर ध्यान देंगे। पूर्ण गुरु जैसे भगवान कृतकृत्यः हो गये हैं, पर भगवान तो अब
दिगम्बरत्व
दिगम्बर वेश को देखकर, ज्यादातर को वैराग्य के भाव आते हैं, कुछ को विकार के । तो कपड़ा कुछ विकारी आंखों पर डालना तर्क संगत
जिनवाणी सम्मान
जिनवाणी लाते समय “सावधान” सिर्फ जिनवाणी को सम्मान देने के लिये ही नहीं, बल्कि श्रोताओं का प्रमाद छुड़वाने/ एकाग्रता बनवाने के लिये भी बोला जाता
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