Month: February 2022
कार्य / अकार्य
क्या करना ! रामायण से सीखें : भ्रातृ प्रेम; क्या नहीं करना ! महाभारत से सीखें : भ्रातृ द्वेष । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
भाव
गोदाम में यदि माल नहीं भरा होगा तो भाव बढ़ने पर नफा कैसे होगा! इसलिये अंतरंग में अच्छा माल तो होना ही चाहिए, भाव जब
क्रियायें
हम बाहर की क्रियाओं को बहुत महत्त्वपूर्ण देते हैं जैसे कोयल की आवाज, हालांकि हम यह भी नहीं जानते कि वह क्यों और क्या बोल
सम्यग्दृष्टि
चेलना के गर्भावस्था में विकारीभाव आने में पर्याय दृष्टि से तो गर्भस्थ जीव निमित्त था; पर चेलना की सम्यग्दृष्टि >> “गर्भस्थ जीव से पहले मेरे
वैराग्य
दु:ख से ऊबकर लिया गया वैराग्य टिकता नहीं। (क्योंकि पुण्य आकर्षित करता रहता है-गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी) टिकाऊ वैराग्य लेना है/प्रगति करनी है तो
भजन : क्या नर सोवत
भजन : “क्या नर सोवत” प्रेरणा : परम पूज्य मुनिश्री क्षमासागरजी रचना : भगवत दास जी स्वर : प्रियंवदा जैन वीडियो प्रस्तुति : मयंक जैन
आत्मा
एक दर्शन का मत है कि आत्मा 5तत्त्वों से मिलकर बनी है। तो मिट्टी की हांडी में कुछ पक रहा हो तो पृथ्वी (मिट्टी), अग्नि,
पुरुषार्थ
पुरुषार्थ रूपी हनुमान ही, शांति रूपा सीता को आत्मा राम से मिला सकते हैं। मुनि श्री प्रमाणसागर जी
संख्या का नियम
महिलायें प्राय: सब्जियों/ पदार्थों की गिनती का नियम लेती हैं पर अंत में जब उनके भोजन करने का नम्बर आता है तो कोई चीज 1चम्मच,
महानता
राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के पायलेट को एक बड़ी नौकरी का प्रस्ताव आया, पर राष्ट्रपति से कहने की उनकी हिम्मत नहीं हो रही थी। कलाम साहब
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