Month: April 2022
अणुव्रत / प्रतिमा
अणुव्रत पहले अलग से भी ले सकते हैं, प्रतिमायें बाद में। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
महानता
पुण्यात्मा व्यक्ति की महानता की कसौटी क्या है? उस पर कष्ट कम आये या ज़्यादा; अंततः उसकी मृत्यु कष्ट से हुई, या शांति से: महानता
असंयम
प्राणी असंयम में इन्द्रिय असंयम भी है । प्राणी असंयम द्वेष तथा राग की अधिकता से होता है । राग से कैसे ? जैसे द्विदल
भगवान महावीर जयंती / विकास – पुण्य
1) भगवान महावीर के 2621वें जन्म-कल्याणक पर सबको बधाई। आत्मसंतोष/ अपरिग्रह के उपदेश पर …. 2) विकास/पुण्य भी दुविधा में डाल देते हैं – दाल
विरक्त्ति
विरक्त्ति लाने के उपाय – 1. बाह्य – जीवों की रक्षा करके 2. अंतरंग – कषायों को कम करके बाह्य पहले, उसमें भी पंचेन्द्रिय की,
गलत फ़हमी
मानव की सोच – वह संसार का सर्वश्रेष्ठ जीव है। सत्य यह है कि – यदि आज पृथ्वी पर कीड़े मकोड़े (जिनको वह तुच्छ मानता
अनर्थदंड
पैर हिलाते रहने में नुकसान क्या है ? क्रियाओं से आत्मा में स्पंदन/कर्मबंध होता है। अनावश्यक क्रियाओं को रोककर अनर्थदंड से बच सकते हैं। चिंतन
अशुभ से बचाव
पार्कों में कचड़ा न डाला जाए, इसलिए वहाँ देवताओं की मूर्तियाँ बैठा देते हैं। इसी प्रकार अपने मन को अशुभ भाव रूपी कचड़े से बचाने
अध्यापन
पढ़ाने का उद्देश्य विद्वता प्रदर्शन नहीं, अपितु सामने वाले में तत्त्व के प्रति समर्पण भाव लाना है। आचार्य श्री विद्यासागर जी
धर्म / अधर्म
धर्मध्यान है …. . अधर्म छोड़ना, . अनिष्ट से दूर रहना, . अनावश्यक का त्याग, . सीधा चलना। आचार्य श्री विद्यासागर जी
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