Month: May 2022

अगारी

उत्कृष्ट प्रतिमा वालों (श्रावक – जघन्य-1 से 6 प्रतिमा, मध्यम-7 से 9, उत्कृष्ट-10-11 प्रतिमा वाले) को भी अगारी कहा, क्योंकि घर व परिग्रह का पूर्ण

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मालिक

कैसी विडम्बना है कि हम जीवन-पर्यंत अपने आपको उन चीज़ों का ही मालिक मानते हैं, जो हमें बुढ़ापे में सबसे ज़्यादा परेशान करती हैं; हमारी

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जीव

जीव, संसारी को ही लिया जाता है – जो प्राणों से जीता है। सिद्ध तो आत्मा के रूप में है/१० प्राणों से रहित है। मुनि

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आयतन

सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, सम्यक्चारित्र जिसका आवास/ आधार/ निमित्त है, वह आयतन है; इससे जो विपक्ष है उसे अनायतन कहते हैं । वीतराग सम्यग्दृष्टि के लिए विषय

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धर्म / नियम

धर्म कहता है – मरने से मत डरना (….मृत्यु आज ही आजाये….) । फिर कोरोना से धर्मात्मा क्यों डरता है ? नियम टूटने से ।

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पुण्य की महिमा

पुण्य की महिमा प्रथमानुयोग में ही नहीं, प्रवचनसार जी में भी लिखी है – “पुण्य फला अरहंता” । अप्रमत्त अवस्था में यदि अंतर्मुहूर्त तक साता

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भावना

सोमवार – सोम (चंद्र) शीतलता; मंगल – मंगलमय; बुध – ज्ञान; गुरुवार – गुरु का दिन; शुक्रवार – भगवान को शुक्रिया; शनिवार – शनि पर

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मिथ्या-उपदेश

मोबाइल पर बिना विवेक लगाये कुछ भी Forward करना मिथ्या-उपदेश में आता है तथा अन्य-दृष्टि-प्रशंसा में भी। तत्व-ज्ञान के अलावा अच्छा होकर भी अच्छा नहीं

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वृद्धावस्था

भोजन के बाद मिष्ठान्न क्यों ? ताकि भोजन के दौरान मिर्चीला/कषैला स्वाद अगले भोजन तक न बना रहे। वृद्धावस्था भी जीवन के अंत में आती

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मंगल आशीष

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May 16, 2022