Month: June 2022

आम्नाय

आम्नाय – पाठ को शुद्धिपूर्वक पुन: पुन: दोहराना। अनेक ग्रंथ पढ़ने से बेहतर है 2-4 ग्रंथ बार-बार पढ़ना। इससे विषय स्पष्ट होता है। आम्नाय/स्वाध्याय में

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दु:ख

अपने और अपनों के दु:ख क्यों ? मोह अज्ञान से। कैसे ? ख़ुद और सबको शरीर माना, आत्मा को नहीं। बचने का उपाय ? वैराग्य

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ध्यान

किसी एक विषय में निरंतर रूप से ज्ञान का रहना ध्यान है। मन को विषयों से हटाने का पुरुषार्थ करना/भटकते हुये मन को रोकना ही

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अच्छा / बुरा

अच्छा वह जो बुराई छोड़ने के प्रयास में लगा है। अच्छा बनने के लिये पहले बुरों/बुराइयों से दूर रहना होगा। साफ कपड़े वाला गंदे कपड़ों

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बाग / बगीचा

लाॅन/बगीचा बनाना “ज्ञात-भाव, अप्रयोजनीय, त्रस/वनस्पति का घात/हिंसा, दोष पूर्ण” । बाग चलेगा। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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विवेक

Call Centre में सामने वाली Party कैसा भी व्यवहार करे, Call Centre वाले पूरी नम्रता/शांति से व्यवहार करते रहते हैं। कारण ? उन्हें मालुम है

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ज्ञान

ज्ञान संयमित होना चाहिये। इसीलिये ज्ञान को दर्शन और चारित्र के मध्य में रखा जाता है। जैसे मेले में घूमने जाते हैं तो छोटा बच्चा

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सपने

एक व्यक्ति ने अपने सारे Targets 60 साल के होने तक पूरे करने का संकल्प किया। 60 साल के होने पर उनसे पूछा – कौन

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प्रमाद

प्रमाद के भेद… 5 = …विकथा, कषाय, इन्द्रिय प्रवृत्ति, निद्रा, स्नेह 15 =………4 +…4 +..5.+………….1+..1 37500 = 25 x 25 x 6(5+मन) x 5 x

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द्रढ़ता

एक ग़रीब बुढ़िया मंदिर बनवाना चाहती थीं। पैसे कितने हैं ? 2 रुपये । इसमें मंदिर कैसे बनेगा ? 2 रुपयों के साथ 2 चीज़ें

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मंगल आशीष

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June 20, 2022