Month: June 2022

नीच गोत्र

नीच गोत्र का बंध… कहे कुछ, करे कुछ और। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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सकारात्मकता

बच्चों की प्रार्थना में बड़ों से ज्यादा चमत्कार क्यों होता है ? उनकी सरलता/ निर्मलता के अलावा उनकी Dictionary में “ना” नाम की चीज नहीं

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अनुजीवी-गुण

आत्मा के अनुजीवी-गुण – आत्मा में ही/ उसमें ही जीवित रहने वाले हैं। आत्मा का अस्तित्व उनसे ही जाना जाता है/ अनात्मा से फर्क इन्ही

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दान के भाव

1. धर्म के पात्र…………… आत्म विशुद्धि के निमित्त 2. दया/सहायता के पात्र… पुण्य अर्जन के निमित्त मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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लक्षण

लक्षण – संसारी जीव… दु:ख से डरे, पाप से नहीं। जीव…….. ज्ञान/दर्शन गुण वाला। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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Talent / Attitude

Talent का सीमित क्षेत्र है, प्रारम्भिक अवस्था में यह पहला दरवाजा खोलता है पर Ego आने का बहुत ख़तरा रहता है। Attitude लगातार फायदेमंद रहता

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नीति / न्याय

अनंतानुबंधी से बचने का उपाय – जिस क्षेत्र में भी हो, नीति/न्याय से काम करें । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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Technology और धर्म

Technology और धर्म विरोधी नहीं, पूरक हैं – जैसे Social Media की ज्यादातर चीजें अविश्वसनीय होती हैं । यही तो धर्म कहता है – जो

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कर्मों का क्रम

1. ज्ञानावरण – ज्ञान की पूज्यता सो पहले 2. दर्शनावरण – ज्ञान से संबंध। दोनों आत्मा के अनुजीवी गुण 3. वेदनीय – जानकर/देखकर सुख/दु:ख का

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बदलाव

युवा ट्रेन में रो रहा था। कारण ? गलत ट्रेन में बैठ गया था। ट्रेन बदल क्यों नहीं लेता ? क्योंकि इस ट्रेन में सीट

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मंगल आशीष

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June 10, 2022