Day: December 12, 2022
जिनवाणी
December 12, 2022
आचार्य कुंदकुंद जी ने लिखा है…. गणधर सम्यक् रूप से भगवान की वाणी को गूँथ कर जिनवाणी की रचना करते हैं। सम्यक् यानि सच्चा/ जैसा
उतावली
December 12, 2022
आप चाहे कितनी भी उतावली कर लो/ दौड़ लो, दुनियाँ अपनी गति से ही चलती रहेगी। हड़बड़ी में काम खराब तथा कर्म बंध भी ज्यादा
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