Month: February 2023

जघन्य अवगाहना

सूक्ष्म अपर्याप्त निगोदिया की जन्म से तीसरे समय की, अंगुल के असंख्यातवाँ भाग (घनांगुल, किसी के हाथ का अंगुल नहीं, 8 अणु आदि से बढ़ते-बढ़ते

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HE / SHE

S + HE = SHE यानि – 1. HE, SHE में है/ से ही बनता है। 2. HE में कुछ और Add होकर SHE बनता

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मिध्यात्व के 3 टुकड़े

मिध्यात्व के 3 टुकड़े कब होते हैं ? इस बारे में दो मत हैं…. मुख्य/गौण की अपेक्षा…. 1. करण (परिणाम) की विवक्षा → करण ने

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गुरु

“गुरो: सर्वत्र अनुकूलवृत्तिः” (यानि गुरु जो कहते/चाहते हैं, वह सब मेरे अनुकूल/भले के लिये है) इसका हमेशा पालन अनिवार्य है। इसको विनय कहते हैं, इसके

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अनियत

समयसार द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव की नियत को नहीं स्वीकारता ऐसे ही मुनि, पुण्योदय से माता-पिता मिले छोड़ दिये। हाँ ! Indirect बड़ा फल मिलता

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Haste

He who pours water hastily into a bottle spills more than goes in. (J.L.Jain)

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रस

रस पांच…. खट्टा, मीठा, कड़वा, कसैला, चरपरा। नमक क्यों नहीं लिया ? जिव्हा के लिये षटरस होते हैं, जिसमें ऊपर के 5+नमकीन। वैसे नमक मिष्ट

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पाप / व्यसन

पाप में लाभ न दिखे फिर भी पाप करना व्यसन है। मुनि श्री सुधासागर जी

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संयम और कषाय

संज्वलन के क्षयोपशम से सकल-संयम। संज्वलन का उदय तो निचले गुणस्थानों में भी पर 6 गुणस्थान तथा आगे सिर्फ संज्वलन का ही उदय। ऐसे ही

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कमजोर / बलवान

कमजोर जो आकुल है/ बल का प्रयोग करता है। बलवान जो निराकुल है/ सहन करता है। आचार्य श्री विद्यासागर जी

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मंगल आशीष

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February 13, 2023

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