Month: March 2023
कर्म-भार
कावड़िया(जीव), कावड़ी(शरीर) के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थानों(पर्यायों) में बोझा(कर्म-भार) ढोता रहता है। नये स्थान पर जा दूसरी कावड़ी बना, फिर नया बोझा
रूप / स्वरूप
विनोबाभावे जी के घर एक अनाथ बच्चा रहता था। विनोबा जी की माँ उस बच्चे को गरम और अपने बेटे को ठंडी रोटी देतीं थीं।
प्राण
तीनों बल (मन, वचन, काय) के लिये ज्ञानावरण तथा दर्शनावरण दोनों का क्षयोपशम होना चाहिये क्योंकि ज्ञान बिना दर्शन के होगा नहीं। वीरांतराय कर्म के
Best Film
पूरे सात मिनिट तक अस्पताल का गेट दिखाते रहे। दर्शकों का ग़ुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया। सीन बदला, तो एक बुज़ुर्ग सात मिनिट तक
शरीर नामकर्म
शरीर के योग्य परमाणुओं का संचय आयु (शरीर) के अनुसार होता है। औदारिक, वैक्रियिक व आहारक शरीरों में (गुण-हानि) हर अंतर्मुहूर्त के बाद द्रव्य आधा-आधा
मान्यता
गुणी व्यक्ति ही दूसरे के गुण को पहचान सकता है, गुणहीन नहीं। बलवान ही दूसरे के बल को पहचानता है, बलहीन नहीं। बसंत ऋतु आये
सम्यग्दर्शन की पात्रता
तिर्यंचों को जन्म लेने के अंतर्मुहूर्त के बाद, मनुष्यों में 8 वर्ष के बाद। कारण ? तिर्यंच… सुनता-गुनता है, परन्तु बोलता नहीं। मनुष्य बोलता बहुत
अवसर
किसान ने अपनी लड़की की शादी के लिये शर्त रखी…. मेरे 3 बैल हैं, किसी की भी पूंछ पकड़ कर दिखा दो। पहला बैल Normal
पाप / कषाय
धर्म में पाप के नाश करने पर बहुत जोर दिया है, कषाय के नाश पर नहीं। कारण ? पाप बहुत व्यापक है, इसमें कषाय भी
सगा
जो अपने सगों की कमजोरियाँ जिनसे Share करे, वह सबसे ज्यादा सगा (फिर चाहे वह अपना Blood Relative हो या ना हो)। चिंतन
Recent Comments