Month: April 2023

णमोकार मंत्र

णमोकार मंत्र के सभी पदों के अंत में परमेष्ठियों के नाम (अरिहंताणं, सिद्धाणं आदि) चतुर्थी विभक्ति (संप्रदान) के बहुवचन में है। इसका अर्थ है; अरिहंतों(बहुवचन)

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Balanced Life

मंदिर/ दिन में धर्मध्यान, व्यवसाय/ रात में, बेईमानी/ मस्ती ये Balanced Life नहीं कही जा सकती। धर्म/ ईमानदारी के साथ सीमित Enjoyment Balanced Life कही

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दिव्य ध्वनि

दिव्य ध्वनि जब तक श्रोता के कान तक नहीं पहुँचती तब तक “अनुभय”। पहुँचने पर जितना समझ आ जाय वह “सत्य”, जितना समझ न आये

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भरोसा

गृहस्थ भरोसे वाला नहीं तो बुरा। साधु भरोसे वाले नहीं तो अच्छा/ पहुँचा हुआ (कब छोड़‌कर चल देंगे, पता नहीं)। चिंतन

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सूर्य जिनालय दर्शन

मकर (कर्क) संक्रांति को भरत चक्रवर्ती सूर्य में स्थित जिनालय के दर्शन करते थे। शंका – नीचे विमान उसके ऊपर जिनालय तो विमान के ऊपर

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मन / शरीर

चक्की के दो पाट, एक गतिमान दूसरा स्थिर, तभी अनाज पिसता है; दोनों गतिमान रहेंगे तो कार्य(आटा पिसना) होगा क्या ? जब मन स्थिर, शरीर

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Ego

Ego हमें Zero बना देती है। Ego को Zero करने का उपाय ? अर्हं योग। क्यों Zero हो सकता है ? “अर्हं” भगवान का नाम,

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महान

1) हम गुरु को जितना याद करेंगे, उतने हम महान बनेंगे। 2) गुरु जितना हमें भूलेंगे, उतने वे महान बनेंगे। मुनि श्री सुधासागर जी

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क्षायिक स.द्रष्टि और आत्महत्या

क्षायिक सम्यग्दृष्टि आत्महत्या नहीं करते। पर मरण के अंतर्मुहूर्त पहले कर्म-विपाक से बुद्धि फिर जाती है → श्रेणिक का बेटा उसे बचाने आया, पर श्रेणिक

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मनुष्य

मनुष्य पर्याय इतनी देर को मिलती जैसे लम्बी अंधेरी रात में कुछ क्षणों के लिये बिजली कोंध जाती है। उतनी देर में हमें सुई में

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मंगल आशीष

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April 15, 2023