Day: May 14, 2023

सल्लेखना

श्रमण, कषाय सल्लेखना तो हर समय करते रहते हैं। अंत में तो व्यवहार सल्लेखना होती है। आचार्य श्री विद्यासागर जी

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मंगल आशीष

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May 14, 2023