Month: June 2023

कषाय और आयुबंध

आयुबंध ना तो उत्कृष्ट कषाय में नाही उत्कृष्ट विशुद्धता में होती है। तद्भव मोक्षगामियों की विशुद्धि उत्कृष्ट के करीब होती है, इसीलिये शायद उनके आयुबंध

Read More »

लोक मूढ़ता

मरी मछली ही धारा के साथ बहती है, ज़िंदा तो धारा के विपरीत भी। स्वामी विवेकानंद

Read More »

श्रुत

श्रुत में सब विषय निबद्ध हैं। 11 पूर्व का ज्ञान तो मिथ्यादृष्टि भी कर सकता है। पहला शास्त्र “कषाय पाहुण” – आचार्य श्री गुणधर जी,

Read More »

अंत समय में

संथारा- (श्वेताम्बर परंपरा) = आखिरी शयन, Jumping Board – इस शरीर से दूसरे शरीर के लिये। सल्लेखना – (दिगम्बरी परंपरा) – भीतर कषाय (क्रोधादि) को

Read More »

वीतरागता

लवण, इंद्रिय ज्ञान का विषय है, लावण्य अतींद्रिय ज्ञान का। लवण को दूध से दूर रखना, वरना दूध दूर हो जायेगा। वीतरागता आने पर न

Read More »

भगवान/गुरु वाणी

भगवान/गुरु वाणी पानी की तरह होती है, पानी पात्रानुसार आकार ग्रहण कर लेता है; भगवान/गुरु वाणी भी पात्र के अनुसार खिरती है। मुनि श्री अरुणसागर

Read More »

योग

कुछ सिद्धांत ग्रंथों के अनुसार छठवें गुणस्थान तक शुभ तथा अशुभ दोनों योग होते हैं। सातवें गुणस्थान से तेरहवें गुणस्थान तक शुभ योग ही। मुनि

Read More »

नारकियों/देवों में कषाय

चारौ कषायें नरकियों/ देवों में अंतर्मुहूर्त तक बनी रहती हैं। देवों में क्रोध सबसे कम, उत्तरोत्तर (संख्यात गुणा) मान, माया, लोभ। यदि क्रोध को 1

Read More »

विशुद्धि

विशुद्धि कैसे बढ़ायें? 1. स्व-पर हित वाले कर्म करके 2. सन्तुष्ट/निराकुल रहकर 3. प्रतिकूलताओं में समता रखकर निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

June 30, 2023