Month: December 2023
विस्रसोपचय
विस्रसोपचय वर्गणायें आत्मा से चिपकी नहीं होतीं बल्कि स्थित होती हैं। इसीलिये तत्त्वार्थ सूत्र में “स्थिता” शब्द का प्रयोग किया है। (विग्रह) गति (एक स्थान
दिल / दिमाग
दिमाग को खूब पढ़ाना, पर दिल को अनपढ़ ही रखना; ताकि भावनाओं को समझने में हिसाब-किताब न करे। (एकता-पुणे)
अवधिज्ञान
अवधिज्ञान को हम बहुत महत्त्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि वह हमारे पास नहीं है। उससे ज्यादा महत्त्वपूर्ण नरभव, अहिंसा धर्म आदि हैं। जन्म से मिली चीजों
परिग्रह
आचार्य श्री विद्यासागर जी का संकल्प है कि आत्मा के अलावा कोई और परिग्रह नहीं। मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
Teaching
“Nothing teaches us better than the Golden Trio: the fears, the tears, and the years.” (J.L.Jain)
आत्मा का स्पर्श
1. सिद्ध भगवानों की आत्मायें, अनंत एकेंद्रियों को प्रभावित नहीं करतीं क्योंकि वे शुद्ध हैं। 2. कषाय समुद्घात पास में आये जीवों को तथा तैजस
Prayer
I used to believe that prayer changes things, but now I know that prayer changes us, and we change things. (Dr.P.N.Jain)
सुमेरु पर अभिषेक
जब सुमेर और सौधर्म इन्द्र के विमान में बाल के बराबर Gap है तो भगवान का अभिषेक कैसे ? पांडुक शिला चूलिका से 40 योजन
बाह्य/अन्तरंग योग
अच्छे कर्म यदि बुरे भाव से किये जायें तो परिणाम शून्य। बुरे कर्म अच्छे भाव से, तो भी शून्य। गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
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