Month: December 2023

अरिहंत / सिद्ध

अरिहंत/ सिद्ध सम्यग्दर्शन रूप, जिनको जीव/ अजीव प्रत्यक्ष दिखते हैं इसीलिये उनकी प्रतीति, अवगाढ़ होती है क्योंकि उन्होंने जैसा सोचा/ सुना/ पढ़ा, वही प्रत्यक्ष दिखने

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बुद्धि / मन

नियम/ व्रत/ त्याग बुद्धि (Wisdom) से लिए जाते हैं। मन तो रोकता है, व्रत आदि लेने के बाद भी मन सिर उठाता रहता है। हाँलाकि

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पुरुष

पुरुष की निरुत्तिपरक परिभाषा (नाम के अनुसार, लाक्षणिक/ शब्द के अनुसार नहीं) → पुरु + ष = उत्कृष्ट गुणों में + शमन/ प्रवर्तन कर भोग

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भात / बात

भात (भोजन) को देखभाल कर कि विषाक्त/ ज्यादा तीखा/ बदबूदार न हो, 32 बार मुँह में चबाया जाता है, तब शरीर को लाभकर होता है,

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सत्यादि योग

सत्य तथा अनुभय, मन व वचन योग; शरीर व पर्याप्ति नाम कर्मोदय से। असत्य व उभय में भी शरीर व पर्याप्ति नाम कर्मोदय पर मुख्य

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Growth

It will be in your darkest of times in which you grow the most. (J.L.Jain) (वनस्पतियों का जमीन के नीचे तथा अन्य जीवों का गर्भावस्था

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“पर” चिंतन

कहा है → “….”पर” चिंतन अधमाधम(अधम से अधम)” प्रश्न → तो हम तिर्यंचों पर दया क्यों करें ? उनकी चिंता क्यों करें ? “पर” चिंतन

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जबरन धर्म

बच्चे को मंदिर भेजने के लिये शर्त रखी → भगवान के दर्शन करके आओगे तभी भोजन मिलेगा। वह बाहर गया और झूठ बोल दिया कि

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अपराध की समाप्ति

अपराध की समाप्ति निम्न क्रियाओं से – 1. प्रतिक्रमण 2. प्रत्याख्यान 3. प्रायश्चित निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी

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Hard

Do not be too hard, lest (ऐसा न हो) you be broken. (J.L.Jain)

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मंगल आशीष

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December 11, 2023