Month: January 2024
प्रतिक्रमण
मुनियों के प्रतिक्रमण में आँसू क्यों निकल आते हैं ? प्रतिक्रमण मन, वचन, काय से करने को कहा है। आँसू निकलना काय से प्रतिक्रमण हुआ
निरोग के उपाय
आँखों का बंधन, पैरों का मर्दन, पेट के लंगन का यदि उल्लंघन किया तो निरोग कैसे रहोगे ! आचार्य श्री विद्यासागर जी
सम्यक्चारित्र
सम्यक्चारित्र का मतलब संसार के कारणभूत बाह्य और अंतरग क्रियाओं से निवृत्त होना है। अतः सम्यक्चारित्र तभी संभव होगा जब सम्यग्दर्शन और सम्यग्ज्ञान का implementation
रसमय जीवन
🌹🌹🌷🌹🌹🌷🌹🌹 गन्ने में जहाँ गाँठ होती हैं, वहाँ रस नहीं होता…! जहाँ रस होता हैं, वहाँ गाँठ नहीं होती…! बस जीवन भी ऐसा ही है,
सम्यक्चारित्र
सम्यग्दर्शन तो जीव जन्म के साथ लेकर आ सकता है पर सम्यक्चारित्र तो समझदार होने पर पुरुषार्थ के द्वारा ही आता है। आचार्य श्री विद्यासागर
Kindness
“Kindness is like snow. It beautifies everything it covers.” — Khalil Gibran
अनदेखे सच
अनदेखे सच… अष्टापद, पारस किसी के द्वारा देखे जाने का वर्णन नहीं मिलता। देवों के गले में अमृत झरता है, पर वे अमर तो नहीं
क्षमा
ग़लतियाँ भी मान्य क्योंकि उनके साथ क्षमा मांगना/ प्रदान करना जुड़ा रहता है। आचार्य श्री विद्यासागर जी
सिद्ध
सिद्ध में न मार्गणा ना ही गुणस्थान, उनके न संयम होता है ना ही असंयम, क्योंकि वे साधना से रहित हो गये हैं। मुनि श्री
गुरु
गुरु के प्रति समपर्ण/ अर्पण* करने पर वे दर्पण बन जाते हैं, जीवन पर्यंत के लिये। उनके जीवनकाल में ही नहीं, उनके न रहने पर
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