Day: June 12, 2024

नियति / भव्यत्व

नियति = समय की अपेक्षा काललब्धि। भव्यत्व = अंतरंग क्षमता। पर सिर्फ नियति/ नियतिवाद को मानना मिथ्यात्व है। क्षु.श्री जिनेन्द्र वर्णी जी

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विनय / अविनय

विनय करने को कहा, तो ‘अविनय नहीं करना’, कहने की क्या आवश्यकता थी ? सद्गुणों की विनय करें, किंतु कमजोरीयों की अविनय भी नहीं करें।

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मंगल आशीष

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June 12, 2024