Month: July 2024

निर्वाण दिवस

भावना भायें → मैं ऐसा बनूँ। प्रभावना → सब जानें/ वैसे बनें। सिर्फ महावीर भगवान का मनाने का नुकसान भी → जैन धर्म 2600 वर्ष

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दान/ भेंट/ समर्पण

भेंट उनको जो लेते हैं जैसे राजा, मेहमान। दान समर्पित उनको जो लेते नहीं हैं जैसे साधु, दान जैसे आहार-दान साधु को। समर्पण जैसे नारियल

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ज्ञान / अनुभूति

ज्ञान तो ख़ुद भी पढ़कर ले सकते हो पर अनुभूति तभी जब उनसे ज्ञान लिया हो जिन्होंने उस ज्ञान की अनभूति की हो। मुनि श्री

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Impact

“If you think you are too small to make a difference, you haven’t spent the night with a mosquito.” (J. L. Jain) Small size does

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शरीर के वर्ण

1. बादर तैजस्कायिक… पीत (शिखा, मूल में) 2. बादर जलकायिक …. शुक्ल (बिना रंग के जल दिखेगा कैसे ! धार/ समूह में साफ दिखता है)

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अभ्यास

विषकन्याओं के प्रभाव से बचाने के लिये राजाओं को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में विष दिया जाता था, चाणक्य भी चंद्रगुप्त को विष दिलवाते थे। हमको भी

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ध्यान / चिंतन

ध्यान तदरूप जैसे पिंडस्थ ध्यान में मेरी आत्मा सिद्ध रूप। वर्तमान पर्याय का ध्यान नहीं होता। मुनि भी साधु परमेष्ठी के ध्यान में, अपने से

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Theory of “Something”

प्राय: हम उन चीजों का विवरण बहुत विस्तार में देते हैं जिनमें सामने वाले को कोई रुचि नहीं होती/ वह जानना भी नहीं चाहता जैसे

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मंगल आशीष

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