Day: October 1, 2024

सम्यग्दर्शन / मिथ्यादर्शन

निरापेक्ष समझ –> सम्यग्दर्शन। सापेक्ष समझ –> मिथ्यादर्शन। इंद्रिय सापेक्ष जैसे शिखर जी की वंदना में पहले मोटे कपड़े प्रियकर, बाद में बोझ। यानी सुख

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शब्द

अल्फ़ाज़ का भी ज़ायका होता है। परोसने से पहले चख़ लिया करें। (अरविंद बड़जात्या)

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मंगल आशीष

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October 1, 2024

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