Month: December 2024

दु:ख

“सुख रत्ती भर भी कम न हो, दु:ख पल भर भी टिके नहीं।” ऐसी चाहना ही सबसे बड़ा दु:ख है। साधु दु:ख स्वीकारते हैं इसलिए

Read More »

सिद्ध

समस्या आने पर “ॐ सिद्धाय नमः” या “ॐ अर्हम नमः” का बार-बार चिंतन करें। क्योंकि उन्होंने अव्याबाध सुख प्राप्त कर लिया है यानी बाधा रहित।

Read More »

सम्यग्दर्शन

तत्त्वों के अर्थ तो अलग-अलग ले सकते/ लिये जाते हैं। इसलिये प्रयोजनभूत तत्त्वों के सम्यक् अर्थ पर श्रद्धान से सम्यग्दर्शन कहा है। मुनि श्री मंगल

Read More »

माना

गणित में सवाल हल करते समय, “माना कि” से सवाल हल हो जाते हैं। पर जीवन में जो तुम्हारा है नहीं, उसे अपना मान-मान कर

Read More »

प्रतिनारायण

नरक में नारायण और प्रतिनारायण दोनों एक ही बिल में जन्म लेते और रहते हैं और पूरे समय पुराने बैर के कारण लड़ते रहते हैं।

Read More »

मंदिर

मन को मंदिर कैसे बनाएं ? जिस मन में हर समय प्रभु का नाम स्मरण हो, वह मन प्रभु का मंदिर बन गया न !

Read More »

सिद्धों का ज्ञान

सिद्धों का ज्ञान प्रकाश रूप, तो क्या सिद्धक्षेत्र प्रकाशित रहता है ? उनका ज्ञान-प्रकाश खुद को प्रकाशित करता है, अन्य को नहीं। मुनि श्री प्रणम्यसागर

Read More »

वातवलय

वातवलय* तीन प्रकार… 1) घनोदधि** वातवलय –> जल मिश्रित वायु 2) घन वातवलय –> सघन वायु 3) तनु वातवलय –> सूक्ष्म वायु * वायु का

Read More »

फूल

चार प्रकार के फूल होते हैं… 1) सुंदर और ख़ुशबूदार 2) सुंदर पर ख़ूशबू नहीं 3) सुंदर तो नहीं पर ख़ुशबूदार 4) सुंदर भी नहीं

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

December 10, 2024

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031