दान
दान क्यों ?
पाप के प्रक्षालन के लिये ।
पापी कौन ? देने वाला या लेने वाला ?
कृतज्ञता कौन माने, देने वाला या लेने वाला ?
(जो कृतज्ञता न माने, वह पापी)
आचार्य श्री विद्यासागर जी
दान क्यों ?
पाप के प्रक्षालन के लिये ।
पापी कौन ? देने वाला या लेने वाला ?
कृतज्ञता कौन माने, देने वाला या लेने वाला ?
(जो कृतज्ञता न माने, वह पापी)
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
दान का तात्पर्य परोपकार की भावना से अपनी वस्तु का अपर्ण करना होता है।दान पापों का प़क्षालन करने के लिए होता है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि दान पाप के प़क्षालन के लिए होता हैं, पापी वह दान लेता है, कृतज्ञता कौन माने? लेने वाले के लिए होना चाहिए। यदि वह कृतज्ञता नहीं मानता है तो वह भी पापी कहा जावेगा।