Tag: आचार्य श्री विद्यासागर जी
सत्य
December 13, 2017
सत्य खोजा नहीं जा सकता, खोया जा सकता है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
व्यवस्था
October 15, 2017
जितनी व्यवस्थाएँ होंगी, उतनी ही अव्यवस्थाएँ भी होंगी और आपकी अवस्था बदल नहीं पायेगी । आचार्य श्री विद्यासागर जी
गुरु
September 29, 2017
गुरु ने मुझे क्या ना दिया ! हाथ में “दीया” दे दिया !! आचार्य श्री विद्यासागर जी
भाव
August 17, 2017
दुकानदार माल से मालदार नहीं, भावों से मालदार बनता है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
बदलाव
March 27, 2016
बदलावों से नयी अनुभूतियाँ होती हैं । भीतर के बदलाव के लिये बाह्य का परिवर्तन जरूरी है । भाव बनाने के लिये शादी, सेना, पूजा
भाषा
September 30, 2015
भावों को दर्शाने का माध्यम और सबसे अच्छी अभिव्यक्ति मातृभाषा में ही हो सकती है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
विज्ञान
September 10, 2015
क्या, कब, कैसे खाना, विज्ञान का विषय है । क्यों/कितना, वीतराग विज्ञान का । आचार्य श्री विद्यासागर जी
भाग्य / पुरुषार्थ
August 28, 2015
पंजा (रेखाऐं) नहीं बाहु (पौरुष) देखो । आचार्य श्री विद्यासागर जी
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