Tag: आचार्य श्री विद्यासागर जी
जीना
September 3, 2012
अतीत में जीना मोह है, भविष्य में जीना लोभ है और वर्तमान में जीना कर्मयोग है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
ज्ञान
August 25, 2012
ज्ञान इतना उपयोगी नहीं, ज्ञान होने से जो जीवन में सावधानी/विवेक आता है, वह उपयोगी है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
सावधानी
July 30, 2012
रेडियो पर धार्मिक चर्चा सुनते सुनते यदि असावधानीवश सुई जरा सी हिल गयी तो Disturbance आने लगता है । धार्मिक क्रियायें करते समय जरा सी
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