Tag: जीवन

जीवन

बचपन में    – ज्ञानार्जन, युवावस्था में – धनार्जन, वृद्धावस्था में – पुण्यार्जन (करना तो चाहिये तीनों अवस्थाओं में )

Read More »

जीवन

बालावस्था – ज्ञानार्जन, युवावस्था   – धनार्जन, वृद्धावस्था  – पुण्यार्जन

Read More »

जीवन

जीवन जो शेष है, बस वही विशेष है । (सुरेश)

Read More »

जीवन से प्रेम

जीवन से प्रेम तो साधू ही करते हैं क्योंकि वे उसकी क़ीमत जानते हैं/सुख में रहते हैं । भिखारी/दुखी के मरने पर सब संतोष करते

Read More »

जीवन

जीवन एक “गणित” है। साँसें “घटती” हैं, अनुभव “जुड़ते” हैं । अलग अलग “कोष्ठकों*” में बंद हम बुनते रहते हैं “समीकरण**”, लगाते रहते हैं “गुणा-भाग”।

Read More »

जीवन और मृत्यु

जीवन एक बुलबुला है, किसी का छोटा किसी का बड़ा, मृत्यु, उसमें छेदा गया काँटा है । जो अपने को बड़ा मानता है, वह भी

Read More »

जीवन

गोपालदास नीरज जी की एक रचना…… छिप-छिप अश्रु बहाने वालों! मोती व्यर्थ लुटाने वालों! कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।

Read More »

जीवन

जीवन, मृत्यु की ओर जाने की अविरत यात्रा है । क्या हम जीवन भर, सब कुछ मृत्यु के लिये ही नहीं कर रहे !!

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives

March 10, 2019

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930