अग्नि परीक्षा
सीता जी की अग्नि परीक्षा का नतीज़ा तो परीक्षा लेने व देने वाले पहले से ही जानते थे।
बस दुनिया को नतीजा पता लगना था ।
परीक्षा तो अग्नि की थी – सत्य और कर्त्तव्य के बीच चयन करने की ।
सीता जी की अग्नि परीक्षा का नतीज़ा तो परीक्षा लेने व देने वाले पहले से ही जानते थे।
बस दुनिया को नतीजा पता लगना था ।
परीक्षा तो अग्नि की थी – सत्य और कर्त्तव्य के बीच चयन करने की ।
2 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि परीक्षा तो सत्य और कर्तव्य के बीच चयन करने की होती है। परीक्षा इसलिए की जाती है कि दुनिया को पता चल सके।सीता जी अग्नि परीक्षा का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में सत्य और कर्तव्य की परीक्षा के लिए हर प्राणी को तैयार रहना चाहिए।
Aur agni ne satya ko chuna.Is drishtikon se to sirf acharya shri hi soch sakta hain.
Namostu Gurudev.