सुखों को अनित्य मानोगे तो पाने की आकुलता नहीं होगी,
खोने पर दु:ख नहीं,
तब जीवन में सकारात्मकता आयेगी।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि सुखों को अनित्य मानोगे तो पाने की आकुलता नहीं होगी, जबकि खोने पर दुःख नहीं बल्कि सकारात्मकता आवेगी। अतः जीवन में अनित्य भावना भाने पर कभी दुःख का अनुभव नहीं होगा।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि सुखों को अनित्य मानोगे तो पाने की आकुलता नहीं होगी, जबकि खोने पर दुःख नहीं बल्कि सकारात्मकता आवेगी। अतः जीवन में अनित्य भावना भाने पर कभी दुःख का अनुभव नहीं होगा।