अभाव
अभाव दु:खदायी नहीं, अभाव की अनुभूति दु:ख देती है ।
सबसे ज्यादा अभाव में तो साधू रहते हैं, पर ना उनका अभाव उन्हें दु:खी करता है, ना औरों का सद्भाव,
बल्कि ये अभाव ही दूसरों पर प्रभाव ड़ालता है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
अभाव दु:खदायी नहीं, अभाव की अनुभूति दु:ख देती है ।
सबसे ज्यादा अभाव में तो साधू रहते हैं, पर ना उनका अभाव उन्हें दु:खी करता है, ना औरों का सद्भाव,
बल्कि ये अभाव ही दूसरों पर प्रभाव ड़ालता है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी