अरिहंत / सिद्ध
अरिहंत/ सिद्ध सम्यग्दर्शन रूप, जिनको जीव/ अजीव प्रत्यक्ष दिखते हैं इसीलिये उनकी प्रतीति, अवगाढ़ होती है क्योंकि उन्होंने जैसा सोचा/ सुना/ पढ़ा, वही प्रत्यक्ष दिखने लगा जैसे Film का नाम सुनकर देखने के बाद प्रतीति होती है। इसीलिये उनका सम्यग्दर्शन परमावगाढ़ होता है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
4 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने अरिहंत एवं सिद्ध का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में सम्यग्दर्शन ही अरिहंत एवं सिद्ध बनने का मार्ग होगा।
Is context me, ‘अवगाढ़’ ka meaning clarify karenge, please ?
पक्का/ द्रढ़।
Okay.