आशीर्वाद
“आ” से आनंद,
“श” से शिव/मुक्ति ।
“व” से विशुद्ध,
“द” से दया ।।
आशीर्वाद से नकारात्मता कम होती है, सकारात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ता है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
“आ” से आनंद,
“श” से शिव/मुक्ति ।
“व” से विशुद्ध,
“द” से दया ।।
आशीर्वाद से नकारात्मता कम होती है, सकारात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ता है ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
यह कथन बिलकुल सत्य है। भगवान् के चरणौं में और माता-पिता के चरणौं में जाने से जो आशीर्वाद मिलता है वही सकारात्मक ऊर्जा देता हैं। अतः भगवान् से और माता-पिता से कोई चीज मांगना नहीं चाहिए क्योंकि उनकी उजॉ ही हमको सुख और शांति में बदल देती है।