एक व्यक्ति ने जिन्न सिद्ध कर लिया । पर जिन्न की शर्त थी, कि काम ना मिलने पर वह मालिक को खा जायेगा ।
यहां काम ना मिलने की स्थिति है “अशुभोपयोग”, यदि जिन्न रूपी मन से बचना है, तो अपने मन को हमेशा “शुभोपयोग” में लगाये रखो ।
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