यह कथन बिलकुल सही है… जितनी बड़ी चादर होगी, उतने ही पैर फैलाने चाहिए, ख़्वाब उतने होने चाहिए जितने असूल हों; तभी आपका कल्याण होगा । Reply
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यह कथन बिलकुल सही है… जितनी बड़ी चादर होगी, उतने ही पैर फैलाने चाहिए,
ख़्वाब उतने होने चाहिए जितने असूल हों; तभी आपका कल्याण होगा ।