हमको अच्छा/ बुरा, नाम/ गोत्र/ वेदनीय कर्मों के उदय से मिलता है।
कामों में अवरोध अंतराय के उदय से।
निर्यापक मुनि श्री सुधासागर जी
Share this on...
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने कर्मों की कार्यविधि का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में कर्मों पर विशेष ध्यान रखना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
One Response
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने कर्मों की कार्यविधि का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन में कर्मों पर विशेष ध्यान रखना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।