अमृत कितना लेना चाहिये ?
जितना भी लें, श्रद्धा से/ आकुलता रहित/ अमृत तथा लाभकारक मान कर लें ।
चिंतन
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धर्म से जुड़कर धार्मिक क़ियायें करना परम आवश्यक है। लेकिन उपरोक्त कथन सत्य है कि क़ियायें जितनी भी करें वह श्रद्वा से, आकुलता रहित होना चाहिए ताकि लाभकारी हों ।
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धर्म से जुड़कर धार्मिक क़ियायें करना परम आवश्यक है। लेकिन उपरोक्त कथन सत्य है कि क़ियायें जितनी भी करें वह श्रद्वा से, आकुलता रहित होना चाहिए ताकि लाभकारी हों ।