खुराफाती
जानवर जब संयम में नहीं होते तब खुरों से जमीन खोदते हैं, इसलिये उन्हें खुराफाती कहते हैं।
खुराफाती मनुष्य यह काम मन से करते हैं (बिना बात, भूत काल की बातों को खोदते रहते हैं)।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
जानवर जब संयम में नहीं होते तब खुरों से जमीन खोदते हैं, इसलिये उन्हें खुराफाती कहते हैं।
खुराफाती मनुष्य यह काम मन से करते हैं (बिना बात, भूत काल की बातों को खोदते रहते हैं)।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
आचार्य श्री विद्यासागर सागर ने खुरापाती का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! जीवन का कल्याण करना हो तो खुरापात में दिमाग नही लगाना चाहिए बल्कि जीवन को धर्म एवं गुरुओं से जुडना आवश्यक है!