ख्याति

3 प्रकार की –
1. श्वान जैसी – जहाँ जहाँ मालिक जाता है, उसके पीछे पीछे चले ।
2. बिल्ली जैसी – कभी साथ, कभी नहीं ।
3. चूहे जैसी – अपना बिल बना लिया, मालिक आये या जाये ।

मुनि श्री सुधासागर जी

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6 Responses

    1. अपने हिसाब/विवेक से अच्छे काम करते रहते हैं,
      दूसरों की परवाह नहीं कि वे उन कामों को patronize कर रहे हैं या नहीं ।

  1. उक्त कथन सत्य है ख्याति यानी प़सिद्धी तीन प्रकार की होती है, जिसका विवरण दिया गया है।
    अतः जीवन में ख्याति श्र्वान की तरह होना चाहिए जिससे वह कहीं भी जावे तो उसकी ख्याति हर कोई महसूस कर सके।

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