गृहस्थ
जो गृह में स्थित हो, वह “गृहस्थ”।
गृहस्थ शब्द प्राकृत भाषा में “घरत्थ“* से आया है ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
*प्रवचनसार गाथा – 291
जो गृह में स्थित हो, वह “गृहस्थ”।
गृहस्थ शब्द प्राकृत भाषा में “घरत्थ“* से आया है ।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
*प्रवचनसार गाथा – 291
One Response
उपरोक्त उदाहरण बिल्कुल सत्य है। अतः भगवान् ने ग़हस्थ में रहकर सदग़हस्थ बनाने का उपदेश दिया है जिससे अपने जीवन का कल्याण करने में समर्थ हो सकता है।