धरती
धरती, धैर्य शब्द से बना है, धैर्य का सबसे बड़ा प्रतीक। धरती तो माँ का रूप है जो अपने बच्चों की गंदगी को साफ करती है, धरती तो उस मल को भी मूल्यवान(खाद) बनाकर वापस दे देती है।
निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी
धरती, धैर्य शब्द से बना है, धैर्य का सबसे बड़ा प्रतीक। धरती तो माँ का रूप है जो अपने बच्चों की गंदगी को साफ करती है, धरती तो उस मल को भी मूल्यवान(खाद) बनाकर वापस दे देती है।
निर्यापक मुनि श्री वीरसागर जी
One Response
मुनि श्री वीरसागर महाराज जी ने धरती का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए धरती को नमन करना एवं सुरक्षा करना परम आवश्यक है ताकि सभी जीवों का पालन हो सके।