कुछ धर्मों ने प्रचार/ फैलाने के लिये हिंसा तथा प्रलोभन का सहारा लिया। क्योंकि उनके पहले प्रचारक से पहले वह धर्म था ही नहीं सो मानने वाले भी नहीं थे।
जबकि पूर्व में वह धर्म पहले से चले आ रहे थे जैसे आदिनाथ/ महावीर भगवान। उन्हें प्रचारादि की ज़रूरत ही नहीं थी।
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उपरोक्त धर्म फैलाना का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जैन धर्म तो भगवान् श्री आदिनाथ के समय से प़चलित हुआ था। अतः जीवन के कल्याण के लिए भगवान् श्री आदिनाथ से श्री भगवान् महावीर स्वामी तक चलता रहा है, अतः इस पर श्रद्वान रखना परम आवश्यक है।
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उपरोक्त धर्म फैलाना का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जैन धर्म तो भगवान् श्री आदिनाथ के समय से प़चलित हुआ था। अतः जीवन के कल्याण के लिए भगवान् श्री आदिनाथ से श्री भगवान् महावीर स्वामी तक चलता रहा है, अतः इस पर श्रद्वान रखना परम आवश्यक है।