धार्मिक ज्ञान
धार्मिक ज्ञान की उपयोगिता वैसी ही है जैसी शुरू में पढ़ी गणित की इंजीनियरिंग आदि में।
1. धार्मिक ज्ञान से जीवों का पता लगता उनकी रक्षा का भाव व रक्षा कर पाते हैं।
2. जब आत्मलीनता से बाहर आयें तब अनात्म में लिप्त न हों।
3. परिणामों में निर्मलता/ विशुद्धि।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
(हर्ष/ विषाद में समान्य भाव लाने में बहुत कारगर)
4 Responses
मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने धार्मिक ज्ञान की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए धार्मिक ज्ञान परम आवश्यक है ताकि परिणमों में निर्मलता एवं विशुद्वी प़ाप्त हो सकती है।
‘अनात्मा’ ka kya meaning hai, please ?
अ+आत्मा = जिसमें आत्मा न हो यानी पुदगल/ संसार ।
Okay.