पालक, मैथी, बथुआ आदि सब्जियों में पकाव नहीं।
इसलिये अनन्त जीवों सहित हैं।
“प्रत्येक” हैं पर इनकी प्रत्येकता ग्रहण में नहीं आती है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 2/13)
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4 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने पत्ते वाली सब्जियों का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः श्रावक को वर्षा काल में पत्ते की सब्जीयों का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इनमें अनन्त जीव रहते हैं।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने पत्ते वाली सब्जियों का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः श्रावक को वर्षा काल में पत्ते की सब्जीयों का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इनमें अनन्त जीव रहते हैं।
1) ‘पकाव’ ka kya meaning hai, please ?
2) ‘प्रत्येकता ग्रहण में नहीं आती है’ ko aur explain karenge, please ?
1) पकती नहीं हैं।
2) निगोदिया जीवों की तरह पत्तों वाली सब्जियां अनंत जीवों वाली लगती नहीं हैं।
Okay.