मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने परनिंदा को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए कभी परनिंदा के भाव आना नहीं चाहिए। Reply
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मुनि श्री सुधासागर महाराज जी ने परनिंदा को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए कभी परनिंदा के भाव आना नहीं चाहिए।