पुदगल को संख्यात, असंख्यात और अनंत प्रदेशी कहा है, पर अनंतानन्त क्यों नहीं कहा है ?
अनंत का प्रमाण 3 प्रकार से है – परीतानन्त, युक्तानन्त और अनंतानन्त । इन सबका अनन्त सामान्य में अन्तर्भाव हो जाता है ।
तत्वार्थ सुत्र टीका – पं. कैलाशचंद्र जी
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