बुद्धि / मन
नियम/ व्रत/ त्याग बुद्धि (Wisdom) से लिए जाते हैं। मन तो रोकता है, व्रत आदि लेने के बाद भी मन सिर उठाता रहता है। हाँलाकि Knowledge/ शक्ति दोनों में आत्मा से ही आती है। मन बहुत Flexible होता है मजबूत से मजबूत तथा कमज़ोर से कमज़ोर भी बना सकते हैं।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने बुद्वि एवं मन का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः मन को मजबूत बनाने के लिए नियम, व़त, त्याग के लिए बुद्वि की परम आवश्यक है।