शनि, मनी और दुश्मनी उन्हीं को प्रभावित करते हैं…
जो चिंतामणी की शरण में नहीं रहते ।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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यह कथन सत्य है कि शनि, मनी और दुश्मनी उन्हीं को प्रभावित करतें हैं जो चिंतामणी की शरण में नहीं रहते हैं।
अतः जो भगवान् की शरण में जाता है वही अपना कल्याण कर सकते हैं।
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यह कथन सत्य है कि शनि, मनी और दुश्मनी उन्हीं को प्रभावित करतें हैं जो चिंतामणी की शरण में नहीं रहते हैं।
अतः जो भगवान् की शरण में जाता है वही अपना कल्याण कर सकते हैं।