आचार्य श्री विद्या सागर महाराज जी ने मन और विधान की परिभाषा की गई है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में मन में हर आवश्यक विधान में श्रद्वान एवं समर्पण होना चाहिए ताकि आज्ञा का पालन हो सकता है! Reply
One Response
आचार्य श्री विद्या सागर महाराज जी ने मन और विधान की परिभाषा की गई है वह पूर्ण सत्य है! अतः जीवन में मन में हर आवश्यक विधान में श्रद्वान एवं समर्पण होना चाहिए ताकि आज्ञा का पालन हो सकता है!