मिथ्यात्व का आशय “झूठा” नहीं, बल्कि विपरीत अभिनिवेश है ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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मिथ्यात का मतलब…इसके उदय में राग-द्वेष से मलिन देवी-देवताओं की स्तुति करना होता है, अथवा अपने मार्ग से विपरीत मार्ग पर श्रद्वान करना होता है।
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि मिथ्यात का आशय झूठ नहीं, बल्कि विपरीत अभिनेवश है।
अतः अपने सच्चे मार्ग पर चलने पर ही सही निवेश हो सकता है।
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मिथ्यात का मतलब…इसके उदय में राग-द्वेष से मलिन देवी-देवताओं की स्तुति करना होता है, अथवा अपने मार्ग से विपरीत मार्ग पर श्रद्वान करना होता है।
मुनि श्री सुधासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि मिथ्यात का आशय झूठ नहीं, बल्कि विपरीत अभिनेवश है।
अतः अपने सच्चे मार्ग पर चलने पर ही सही निवेश हो सकता है।
“अभिनिवेश” ka kya meaning hai?
अभिनिवेश = Persistence
Okay.