औदारिक, वैक्रियक, आहारक, तैजस, भाषा, मनोवर्गणायें ये 6 हमारे काम की वर्गणायें हैं । 7 बनाने के लिए मिश्र वर्गणायें मानना होगा । Reply
6 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने मिश्र वर्गणायें का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है।
‘सप्तविध वर्गणायें’ ka kya meaning hai, please ?
औदारिक, वैक्रियक, आहारक, तैजस, भाषा, मनोवर्गणायें ये 6 हमारे काम की वर्गणायें हैं । 7 बनाने के लिए मिश्र वर्गणायें मानना होगा ।
Yeh ‘मिश्र वर्गणायें’ sab combinations me hongi ?
नहीं, सिर्फ एक Combination सम्यक्त्व+मिथ्यात्व
Okay.