मूर्ति पर फूल निहित हिंसा की वजह से नहीं चढ़ाते।
पर अज्ञानवश चढ़ाये हैं, तो इससे मूर्ति दूषित नहीं हो जाती: मिथ्यात्व का दोष नहीं।
यदि अर्घ मानकर चढ़ाये गये हैं, तो आठों अर्घ क्यों नहीं चढ़ाये ?
वीतरागी का श्रंगार क्यों ?
मुनि श्री सुधासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि वीतरागी परम्परा में भगवान की मूर्ति पर श्रंगार का प्रावधान नहीं है।
फूल को चढ़ाने में हिंसा तो कारण है ही । यदि अर्घ चढ़ाकर किया गया है, तो आठों द़व्य क्यों नहीं चढाये गये है। आठ द़व्य ही चढाना आवश्यक है ताकि आठ कर्मों का नाश हो सकता है।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि वीतरागी परम्परा में भगवान की मूर्ति पर श्रंगार का प्रावधान नहीं है।
फूल को चढ़ाने में हिंसा तो कारण है ही । यदि अर्घ चढ़ाकर किया गया है, तो आठों द़व्य क्यों नहीं चढाये गये है। आठ द़व्य ही चढाना आवश्यक है ताकि आठ कर्मों का नाश हो सकता है।