विपाकी
1. जीव विपाकी = जीव को फलानुभूति जैसे ज्ञानावरण/दर्शनावरण
2. पुद्गल विपाकी = शरीर को फलानुभूति जैसे नामकर्म आदि
3. क्षेत्र विपाकी = एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में ले जाने में कारण जैसे गत्यानुपूर्वी
4. भव विपाकी = भवानुसार फल जैसे आयुकर्म
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी