शास्त्र तो मित्रवत होते हैं पर गुरु शत्रुवत व्यवहार करते दिखते हैं ।
मुनि श्री सुधासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि शास्त्र तो मित्रवत होते हैं,पर गुरु शत्रुवत व्यवहार करते हैं। गुरु जब शास्त्र का अध्ययन कराते हैं,तब कुछ लोग सीखना नहीं चाहते हैं,वही लोग गुरु को शत्रु समझते हैं। गुरु का काम आपको समझना होता है, अतः जीवन में गुरु का महत्व समझना आवश्यक है ताकि जीवन का उद्धार करने में समर्थ हो सकते हैं।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि शास्त्र तो मित्रवत होते हैं,पर गुरु शत्रुवत व्यवहार करते हैं। गुरु जब शास्त्र का अध्ययन कराते हैं,तब कुछ लोग सीखना नहीं चाहते हैं,वही लोग गुरु को शत्रु समझते हैं। गुरु का काम आपको समझना होता है, अतः जीवन में गुरु का महत्व समझना आवश्यक है ताकि जीवन का उद्धार करने में समर्थ हो सकते हैं।